शहीद दिवस (Shaheed Diwas): भगत सिंह की ये पांच बातें आपके मन में भर देंगी उत्साह

शहीद दिवस:  जब भी शहीदों का नाम लिया जाता है तो सबसे पहले भगत सिंह ( Bhagat Singh) को याद किया जाता है। 23 मार्च का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि भारत के महान क्रांतिकारी और देशभक्त शहीद कहे जाने वाले भगत सिंह ( Bhagat Singh) का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था।

लोगों के दिलों में आजादी की ज्वाला प्रज्ज्वलित करने वाले महान क्रांतिकारी मात्र 23 वर्ष और पांच महीने की उम्र में ही शहीद हो गए थे। 23 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही देशभक्ति की अलख जगाने के लिए लिखे गए उनके क्रांतिकारी विचार बहुत महान हैं।

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इन दिनों दुनिया एक गंभीर संमस्या से जूझ रही है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों का आत्मविश्वास डगमगा सा रहा है। ऐसे में आज हम शहीद दिवस (Shaheed Diwas 2020) के मौके पर महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह ( Bhagat Singh) के लिखे वो पांच महान विचारों से परिचित करवाएंगे, जो आपके जीवन में एक नया उत्साह भर देंगे।

  1. “क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है? गरीबी एक अभिशाप है, यह एक सजा है”
  1. “राख का हर कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।”
  1. “प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।”
  1. “जो भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी।”
  1. “मैं इस बात पर ज़ोर देता हूं कि मैं महत्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूं। पर मैं ज़रूरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूं और वहीं सच्चा बलिदान है।”

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